महाभारतम् — 4.40.24
Original
Segmented
कृष्णान् केशान् श्वेतेन उद्ग्रथ्य केशाञ्श्वेतेनोद्ग्रथ्य अधिज्यम् तरसा कृत्वा गाण्डीवम् व्याक्षिपद् धनुः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कृष्णान् | कृष्ण | pos=a,g=m,c=2,n=p |
केशान् | केश | pos=n,g=m,c=2,n=p |
श्वेतेन | श्वेत | pos=a,g=n,c=3,n=s |
उद्ग्रथ्य | उद्ग्रन्थ् | pos=vi |
केशाञ्श्वेतेनोद्ग्रथ्य | वासस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
अधिज्यम् | अधिज्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
तरसा | तरस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
कृत्वा | कृ | pos=vi |
गाण्डीवम् | गाण्डीव | pos=n,g=n,c=2,n=s |
व्याक्षिपद् | व्याक्षिप् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
धनुः | धनुस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |