महाभारतम् — 4.40.2
Original
Segmented
अर्जुन उवाच प्रीतो ऽस्मि पुरुष-व्याघ्र न भयम् विद्यते तव सर्वान् नुदामि ते शत्रून् रणे रण-विशारदैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अर्जुन | अर्जुन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
प्रीतो | प्री | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽस्मि | अस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
पुरुष | पुरुष | pos=n,comp=y |
व्याघ्र | व्याघ्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
न | न | pos=i |
भयम् | भय | pos=n,g=n,c=1,n=s |
विद्यते | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
सर्वान् | सर्व | pos=n,g=m,c=2,n=p |
नुदामि | नुद् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
शत्रून् | शत्रु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
रणे | रण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
रण | रण | pos=n,comp=y |
विशारदैः | विशारद | pos=a,g=m,c=8,n=s |