Original

दिष्ट्या त्वां पार्थ पश्यामि स्वागतं ते धनंजय ।लोहिताक्ष महाबाहो नागराजकरोपम ।यदज्ञानादवोचं त्वां क्षन्तुमर्हसि तन्मम ॥ २२ ॥

Segmented

दिष्ट्या त्वाम् पार्थ पश्यामि स्वागतम् ते धनंजय लोहित-अक्ष महा-बाहो नाग-राज-कर-उपमैः यद् अज्ञानाद् अवोचम् त्वाम् क्षन्तुम् अर्हसि तत् मे

Analysis

Word Lemma Parse
दिष्ट्या दिष्टि pos=n,g=f,c=3,n=s
त्वाम् त्वद् pos=n,g=,c=2,n=s
पार्थ पार्थ pos=n,g=m,c=8,n=s
पश्यामि दृश् pos=v,p=1,n=s,l=lat
स्वागतम् स्वागत pos=n,g=n,c=1,n=s
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
धनंजय धनंजय pos=n,g=m,c=8,n=s
लोहित लोहित pos=a,comp=y
अक्ष अक्ष pos=n,g=m,c=8,n=s
महा महत् pos=a,comp=y
बाहो बाहु pos=n,g=m,c=8,n=s
नाग नाग pos=n,comp=y
राज राजन् pos=n,comp=y
कर कर pos=n,comp=y
उपमैः उपम pos=a,g=m,c=8,n=s
यद् यद् pos=n,g=n,c=2,n=s
अज्ञानाद् अज्ञान pos=n,g=n,c=5,n=s
अवोचम् वच् pos=v,p=1,n=s,l=lun
त्वाम् त्वद् pos=n,g=,c=2,n=s
क्षन्तुम् क्षम् pos=vi
अर्हसि अर्ह् pos=v,p=2,n=s,l=lat
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s