महाभारतम् — 4.37.16
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच तस्मिन् ब्रुवति तद् वाक्यम् धार्तराष्ट्रे परंतपे भीष्मो द्रोणः कृपो द्रौणिः पौरुषम् तद् अपूजयन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तस्मिन् | तद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
ब्रुवति | ब्रू | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
धार्तराष्ट्रे | धार्तराष्ट्र | pos=n,g=m,c=7,n=s |
परंतपे | परंतप | pos=a,g=m,c=7,n=s |
भीष्मो | भीष्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
द्रोणः | द्रोण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कृपो | कृप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
द्रौणिः | द्रौणि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पौरुषम् | पौरुष | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अपूजयन् | पूजय् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |