Original

एवमेतत्तु संचिन्त्य यत्कृतं मन्यसे हितम् ।तत्क्षिप्रं कुरु कौरव्य यद्येवं श्रद्दधासि मे ॥ २८ ॥

Segmented

एवम् एतत् तु संचिन्त्य यत् कृतम् मन्यसे हितम् तत् क्षिप्रम् कुरु कौरव्य यदि एवम् श्रद्दधासि मे

Analysis

Word Lemma Parse
एवम् एवम् pos=i
एतत् एतद् pos=n,g=n,c=2,n=s
तु तु pos=i
संचिन्त्य संचिन्तय् pos=vi
यत् यद् pos=n,g=n,c=1,n=s
कृतम् कृ pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
मन्यसे मन् pos=v,p=2,n=s,l=lat
हितम् हित pos=a,g=n,c=1,n=s
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
क्षिप्रम् क्षिप्रम् pos=i
कुरु कृ pos=v,p=2,n=s,l=lot
कौरव्य कौरव्य pos=n,g=m,c=8,n=s
यदि यदि pos=i
एवम् एवम् pos=i
श्रद्दधासि श्रद्धा pos=v,p=2,n=s,l=lat
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s