महाभारतम् — 4.24.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच कीचकस्य तु घातेन स अनुजस्य विशाम् पते अत्याहितम् चिन्तयित्वा व्यस्मयन्त पृथग्जनाः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| कीचकस्य | कीचक | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| घातेन | घात | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| स | स | pos=i |
| अनुजस्य | अनुज | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| विशाम् | विश् | pos=n,g=f,c=6,n=p |
| पते | पति | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| अत्याहितम् | अत्याहित | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| चिन्तयित्वा | चिन्तय् | pos=vi |
| व्यस्मयन्त | विस्मि | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
| पृथग्जनाः | पृथग्जन | pos=n,g=m,c=1,n=p |