महाभारतम् — 4.23.22
Original
Segmented
न हि दुःखम् समाप्नोषि सैरन्ध्री यद् उपाश्नुते तेन माम् दुःखिताम् एवम् पृच्छसे प्रहसन्न् इव
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
हि | हि | pos=i |
दुःखम् | दुःख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
समाप्नोषि | समाप् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
सैरन्ध्री | सैरन्ध्री | pos=n,g=f,c=1,n=s |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
उपाश्नुते | उपाश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तेन | तेन | pos=i |
माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
दुःखिताम् | दुःखित | pos=a,g=f,c=2,n=s |
एवम् | एवम् | pos=i |
पृच्छसे | प्रच्छ् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
प्रहसन्न् | प्रहस् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
इव | इव | pos=i |