महाभारतम् — 4.17.10
Original
Segmented
भ्रातरम् च विगर्हस्व ज्येष्ठम् दुर्द्यूत-देविनम् यस्य अस्मि कर्मणा प्राप्ता दुःखम् एतद् अनन्तकम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भ्रातरम् | भ्रातृ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
विगर्हस्व | विगर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
ज्येष्ठम् | ज्येष्ठ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
दुर्द्यूत | दुर्द्यूत | pos=n,comp=y |
देविनम् | देविन् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अस्मि | अस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
कर्मणा | कर्मन् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
प्राप्ता | प्राप् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
दुःखम् | दुःख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
एतद् | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अनन्तकम् | अनन्तक | pos=a,g=n,c=2,n=s |