महाभारतम् — 4.15.28
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच ततस् तु सभ्या विज्ञाय कृष्णाम् भूयो ऽभ्यपूजयन् साधु साधु इति च अपि आहुः कीचकम् च व्यगर्हयन्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ततस् | ततस् | pos=i |
| तु | तु | pos=i |
| सभ्या | सभ्य | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| विज्ञाय | विज्ञा | pos=vi |
| कृष्णाम् | कृष्णा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| भूयो | भूयस् | pos=i |
| ऽभ्यपूजयन् | अभिपूजय् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
| साधु | साधु | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| साधु | साधु | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| च | च | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| आहुः | अह् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| कीचकम् | कीचक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| व्यगर्हयन् | विगर्हय् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |