महाभारतम् — 3.80.52
Original
Segmented
कार्त्तिक्याम् तु विशेषेण यो ऽभिगच्छेत पुष्करम् फलम् तत्र अक्षयम् तस्य वर्धते भरत-ऋषभ
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| कार्त्तिक्याम् | कार्त्तिकी | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| विशेषेण | विशेष | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽभिगच्छेत | अभिगम् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| पुष्करम् | पुष्कर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| फलम् | फल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| अक्षयम् | अक्षय | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| वर्धते | वृध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| भरत | भरत | pos=n,comp=y |
| ऋषभ | ऋषभ | pos=n,g=m,c=8,n=s |