महाभारतम् — 3.80.132
Original
Segmented
तत्र स्नात्वा नर-व्याघ्र विन्देद् बहु सुवर्णकम् सर्व-पाप-विशुद्ध-आत्मा ब्रह्म-लोकम् च गच्छति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तत्र | तत्र | pos=i |
| स्नात्वा | स्ना | pos=vi |
| नर | नर | pos=n,comp=y |
| व्याघ्र | व्याघ्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| विन्देद् | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| बहु | बहु | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| सुवर्णकम् | सुवर्णक | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
| पाप | पाप | pos=n,comp=y |
| विशुद्ध | विशुध् | pos=va,comp=y,f=part |
| आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,comp=y |
| लोकम् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| गच्छति | गम् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |