महाभारतम् — 3.80.112
Original
Segmented
यथाशक्ति चरुम् तत्र निवेद्य भरत-ऋषभ सर्व-काम-समृद्धस्य यज्ञस्य लभते फलम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यथाशक्ति | यथाशक्ति | pos=i |
| चरुम् | चरु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| निवेद्य | निवेदय् | pos=vi |
| भरत | भरत | pos=n,comp=y |
| ऋषभ | ऋषभ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
| काम | काम | pos=n,comp=y |
| समृद्धस्य | समृध् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| यज्ञस्य | यज्ञ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| लभते | लभ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| फलम् | फल | pos=n,g=n,c=2,n=s |