महाभारतम् — 3.80.102
Original
Segmented
गिरिमुञ्जम् समासाद्य त्रिषु लोकेषु विश्रुतम् पितामहम् नमस्कृत्य गो सहस्र-फलम् लभेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| गिरिमुञ्जम् | गिरिमुञ्ज | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| समासाद्य | समासादय् | pos=vi |
| त्रिषु | त्रि | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| विश्रुतम् | विश्रु | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| पितामहम् | पितामह | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| नमस्कृत्य | नमस्कृ | pos=vi |
| गो | गो | pos=i |
| सहस्र | सहस्र | pos=n,comp=y |
| फलम् | फल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| लभेत् | लभ् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |