महाभारतम् — 3.75.5
Original
Segmented
त्वाम् ऋते न हि लोके ऽन्य एक-अह्ना पृथिवीपते समर्थो योजन-शतम् गन्तुम् अश्वैः नर-अधिपैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
ऋते | ऋते | pos=i |
न | न | pos=i |
हि | हि | pos=i |
लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
ऽन्य | अन्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
एक | एक | pos=n,comp=y |
अह्ना | अहर् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
पृथिवीपते | पृथिवीपति | pos=n,g=m,c=8,n=s |
समर्थो | समर्थ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
योजन | योजन | pos=n,comp=y |
शतम् | शत | pos=n,g=n,c=2,n=s |
गन्तुम् | गम् | pos=vi |
अश्वैः | अश्व | pos=n,g=m,c=3,n=p |
नर | नर | pos=n,comp=y |
अधिपैः | अधिप | pos=n,g=m,c=8,n=s |