Original

सैवं समेत्य व्यपनीततन्द्री शान्तज्वरा हर्षविवृद्धसत्त्वा ।रराज भैमी समवाप्तकामा शीतांशुना रात्रिरिवोदितेन ॥ २७ ॥

Segmented

सा एवम् समेत्य व्यपनी-तन्द्रिः शान्त-ज्वरा हर्ष-विवृद्ध-सत्त्वा रराज भैमी समवाप्-कामा शीतांशुना रात्रिः इव उदितेन

Analysis

Word Lemma Parse
सा तद् pos=n,g=f,c=1,n=s
एवम् एवम् pos=i
समेत्य समे pos=vi
व्यपनी व्यपनी pos=va,comp=y,f=part
तन्द्रिः तन्द्रा pos=n,g=f,c=1,n=s
शान्त शम् pos=va,comp=y,f=part
ज्वरा ज्वर pos=n,g=f,c=1,n=s
हर्ष हर्ष pos=n,comp=y
विवृद्ध विवृध् pos=va,comp=y,f=part
सत्त्वा सत्त्व pos=n,g=f,c=1,n=s
रराज राज् pos=v,p=3,n=s,l=lit
भैमी भैमी pos=n,g=f,c=1,n=s
समवाप् समवाप् pos=va,comp=y,f=part
कामा काम pos=n,g=f,c=1,n=s
शीतांशुना शीतांशु pos=n,g=m,c=3,n=s
रात्रिः रात्रि pos=n,g=f,c=1,n=s
इव इव pos=i
उदितेन उदि pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part