महाभारतम् — 3.65.32
Original
Segmented
जनित्र्यै प्रेषयामास सैरन्ध्री रुदते भृशम् ब्राह्मणेन समागम्य ताम् वेद यदि मन्यसे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
जनित्र्यै | जनित्री | pos=n,g=f,c=4,n=s |
प्रेषयामास | प्रेषय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
सैरन्ध्री | सैरन्ध्री | pos=n,g=f,c=1,n=s |
रुदते | रुद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
भृशम् | भृशम् | pos=i |
ब्राह्मणेन | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=3,n=s |
समागम्य | समागम् | pos=vi |
ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
वेद | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
यदि | यदि | pos=i |
मन्यसे | मन् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |