महाभारतम् — 3.63.2
Original
Segmented
तत्र शुश्राव मध्ये ऽग्नौ शब्दम् भूतस्य कस्यचित् अभिधाव नलैः इति उच्चैः पुण्यश्लोकैः इति च असकृत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तत्र | तत्र | pos=i |
शुश्राव | श्रु | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
मध्ये | मध्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
ऽग्नौ | अग्नि | pos=n,g=m,c=7,n=s |
शब्दम् | शब्द | pos=n,g=m,c=2,n=s |
भूतस्य | भूत | pos=n,g=n,c=6,n=s |
कस्यचित् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
अभिधाव | अभिधाव् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
नलैः | नल | pos=n,g=m,c=8,n=s |
इति | इति | pos=i |
उच्चैः | उच्चैस् | pos=i |
पुण्यश्लोकैः | पुण्यश्लोक | pos=n,g=m,c=8,n=s |
इति | इति | pos=i |
च | च | pos=i |
असकृत् | असकृत् | pos=i |