Original

विशोकां कुरु मां क्षिप्रमशोक प्रियदर्शन ।वीतशोकभयाबाधं कच्चित्त्वं दृष्टवान्नृपम् ॥ ९९ ॥

Segmented

विशोकाम् कुरु माम् क्षिप्रम् अशोक प्रिय-दर्शन वीत-शोक-भय-आबाधम् कच्चित् त्वम् दृष्टवान् नृपम्

Analysis

Word Lemma Parse
विशोकाम् विशोक pos=a,g=f,c=2,n=s
कुरु कृ pos=v,p=2,n=s,l=lot
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
क्षिप्रम् क्षिप्रम् pos=i
अशोक अशोक pos=n,g=m,c=8,n=s
प्रिय प्रिय pos=a,comp=y
दर्शन दर्शन pos=n,g=m,c=8,n=s
वीत वी pos=va,comp=y,f=part
शोक शोक pos=n,comp=y
भय भय pos=n,comp=y
आबाधम् आबाध pos=n,g=m,c=2,n=s
कच्चित् कश्चित् pos=n,g=n,c=2,n=s
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
दृष्टवान् दृश् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
नृपम् नृप pos=n,g=m,c=2,n=s