Original

द्विषतां भयकर्तारं सुहृदां शोकनाशनम् ।पतिं द्रक्ष्यसि कल्याणि कल्याणाभिजनं नृपम् ॥ ९० ॥

Segmented

द्विषताम् भय-कर्तारम् सुहृदाम् शोक-नाशनम् पतिम् द्रक्ष्यसि कल्याणि कल्याण-अभिजनम् नृपम्

Analysis

Word Lemma Parse
द्विषताम् द्विष् pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part
भय भय pos=n,comp=y
कर्तारम् कर्तृ pos=n,g=m,c=2,n=s
सुहृदाम् सुहृद् pos=n,g=m,c=6,n=p
शोक शोक pos=n,comp=y
नाशनम् नाशन pos=a,g=m,c=2,n=s
पतिम् पति pos=n,g=m,c=2,n=s
द्रक्ष्यसि दृश् pos=v,p=2,n=s,l=lrt
कल्याणि कल्याण pos=a,g=f,c=8,n=s
कल्याण कल्याण pos=a,comp=y
अभिजनम् अभिजन pos=n,g=m,c=2,n=s
नृपम् नृप pos=n,g=m,c=2,n=s