Original

यक्षी वा राक्षसी वा त्वमुताहोऽसि वराङ्गना ।सर्वथा कुरु नः स्वस्ति रक्षस्वास्माननिन्दिते ॥ ११५ ॥

Segmented

यक्षी वा राक्षसी वा त्वम् उत अहो ऽसि वर-अङ्गना सर्वथा कुरु नः स्वस्ति रक्षस्व अस्मान् अनिन्दिते

Analysis

Word Lemma Parse
यक्षी यक्षी pos=n,g=f,c=1,n=s
वा वा pos=i
राक्षसी राक्षसी pos=n,g=f,c=1,n=s
वा वा pos=i
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
उत उत pos=i
अहो अहो pos=i
ऽसि अस् pos=v,p=2,n=s,l=lat
वर वर pos=a,comp=y
अङ्गना अङ्गना pos=n,g=f,c=1,n=s
सर्वथा सर्वथा pos=i
कुरु कृ pos=v,p=2,n=s,l=lot
नः मद् pos=n,g=,c=6,n=p
स्वस्ति स्वस्ति pos=n,g=n,c=2,n=s
रक्षस्व रक्ष् pos=v,p=2,n=s,l=lot
अस्मान् मद् pos=n,g=m,c=2,n=p
अनिन्दिते अनिन्दित pos=a,g=f,c=8,n=s