महाभारतम् — 3.46.18
Original
Segmented
यद् उद्वपन् प्रवपंः च एव बाणान् स्थाता आततायी समरे किरीटी सृष्टो ऽन्तकः सर्व-हरः विधात्रा भवेद् यथा तद्वद् अपारणीयः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यद् | यत् | pos=i |
उद्वपन् | उद्वप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
प्रवपंः | प्रवप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
बाणान् | बाण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
स्थाता | स्था | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
आततायी | आततायिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
समरे | समर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
किरीटी | किरीटिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सृष्टो | सृज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽन्तकः | अन्तक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
हरः | हर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
विधात्रा | विधातृ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
भवेद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
यथा | यथा | pos=i |
तद्वद् | तद्वत् | pos=i |
अपारणीयः | अपारणीय | pos=a,g=m,c=1,n=s |