महाभारतम् — 3.30.1
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच क्रोधो हन्ता मनुष्याणाम् क्रोधो भावयिता पुनः इति विद्धि महा-प्राज्ञे क्रोध-मूलौ भव-अभवौ
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
क्रोधो | क्रोध | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हन्ता | हन् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
मनुष्याणाम् | मनुष्य | pos=n,g=m,c=6,n=p |
क्रोधो | क्रोध | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भावयिता | भावय् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
पुनः | पुनर् | pos=i |
इति | इति | pos=i |
विद्धि | विद् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
प्राज्ञे | प्राज्ञ | pos=a,g=f,c=8,n=s |
क्रोध | क्रोध | pos=n,comp=y |
मूलौ | मूल | pos=n,g=m,c=1,n=d |
भव | भव | pos=n,comp=y |
अभवौ | अभव | pos=n,g=m,c=1,n=d |