महाभारतम् — 3.297.63
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच दिवम् स्पृशति भूमिम् च शब्दः पुण्यस्य कर्मणः यावत् स शब्दो भवति तावत् पुरुष उच्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
दिवम् | दिव् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
स्पृशति | स्पृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
भूमिम् | भूमि | pos=n,g=f,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
शब्दः | शब्द | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पुण्यस्य | पुण्य | pos=a,g=n,c=6,n=s |
कर्मणः | कर्मन् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
यावत् | यावत् | pos=i |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
शब्दो | शब्द | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तावत् | तावत् | pos=i |
पुरुष | पुरुष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उच्यते | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |