Original

यक्ष उवाच ।का दिक्किमुदकं प्रोक्तं किमन्नं पार्थ किं विषम् ।श्राद्धस्य कालमाख्याहि ततः पिब हरस्व च ॥ ६० ॥

Segmented

यक्ष उवाच का दिक् किम् उदकम् प्रोक्तम् किम् अन्नम् पार्थ किम् विषम् श्राद्धस्य कालम् आख्याहि ततः पिब हरस्व च

Analysis

Word Lemma Parse
यक्ष यक्ष pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
का pos=n,g=f,c=1,n=s
दिक् दिश् pos=n,g=f,c=1,n=s
किम् pos=n,g=n,c=1,n=s
उदकम् उदक pos=n,g=n,c=1,n=s
प्रोक्तम् प्रवच् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
किम् pos=n,g=n,c=1,n=s
अन्नम् अन्न pos=n,g=n,c=1,n=s
पार्थ पार्थ pos=n,g=m,c=8,n=s
किम् pos=n,g=n,c=1,n=s
विषम् विष pos=n,g=n,c=1,n=s
श्राद्धस्य श्राद्ध pos=n,g=n,c=6,n=s
कालम् काल pos=n,g=m,c=2,n=s
आख्याहि आख्या pos=v,p=2,n=s,l=lot
ततः ततस् pos=i
पिब पा pos=v,p=2,n=s,l=lot
हरस्व हृ pos=v,p=2,n=s,l=lot
pos=i