महाभारतम् — 3.291.27
Original
Segmented
इति स्म उक्ता कुन्ति-राज-आत्मजा सा विवस्वन्तम् याचमाना स लज्जा तस्मिन् पुण्ये शयनीये पपात मोह-आविष्टा भज्यमाना लता इव
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
इति | इति | pos=i |
स्म | स्म | pos=i |
उक्ता | वच् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
कुन्ति | कुन्ति | pos=n,comp=y |
राज | राजन् | pos=n,comp=y |
आत्मजा | आत्मजा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
विवस्वन्तम् | विवस्वन्त् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
याचमाना | याच् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
स | स | pos=i |
लज्जा | लज्जा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
तस्मिन् | तद् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
पुण्ये | पुण्य | pos=a,g=n,c=7,n=s |
शयनीये | शयनीय | pos=n,g=n,c=7,n=s |
पपात | पत् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
मोह | मोह | pos=n,comp=y |
आविष्टा | आविश् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
भज्यमाना | भञ्ज् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
लता | लता | pos=n,g=f,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |