महाभारतम् — 3.29.6
Original
Segmented
प्रह्लाद उवाच न श्रेयः सततम् तेजो न नित्यम् श्रेयसी क्षमा इति तात विजानीहि द्वयम् एतद् असंशयम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रह्लाद | प्रह्लाद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| न | न | pos=i |
| श्रेयः | श्रेयस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| सततम् | सततम् | pos=i |
| तेजो | तेजस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| श्रेयसी | श्रेयस् | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| क्षमा | क्षमा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| तात | तात | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| विजानीहि | विज्ञा | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| द्वयम् | द्वय | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| एतद् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| असंशयम् | असंशय | pos=a,g=n,c=1,n=s |