महाभारतम् — 3.29.4
Original
Segmented
श्रेयो यद् अत्र धर्म-ज्ञ ब्रूहि मे तद् असंशयम् करिष्यामि हि तत् सर्वम् यथावद् अनुशासनम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| श्रेयो | श्रेयस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अत्र | अत्र | pos=i |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| ज्ञ | ज्ञ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| ब्रूहि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| असंशयम् | असंशय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| करिष्यामि | कृ | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| हि | हि | pos=i |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| यथावद् | यथावत् | pos=i |
| अनुशासनम् | अनुशासन | pos=n,g=n,c=2,n=s |