महाभारतम् — 3.281.14
Original
Segmented
मार्कण्डेय उवाच इति उक्त्वा पितृ-राजः ताम् भगवान् स्वम् चिकीर्षितम् यथावत् सर्वम् आख्यातुम् तद्-प्रिय-अर्थम् प्रचक्रमे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मार्कण्डेय | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| इति | इति | pos=i |
| उक्त्वा | वच् | pos=vi |
| पितृ | पितृ | pos=n,comp=y |
| राजः | राज | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| भगवान् | भगवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| स्वम् | स्व | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| चिकीर्षितम् | चिकीर्षित | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| यथावत् | यथावत् | pos=i |
| सर्वम् | सर्व | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आख्यातुम् | आख्या | pos=vi |
| तद् | तद् | pos=n,comp=y |
| प्रिय | प्रिय | pos=a,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| प्रचक्रमे | प्रक्रम् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |