महाभारतम् — 3.228.6
Original
Segmented
धृतराष्ट्र उवाच मृगया शोभना तात गवाम् च समवेक्षणम् विश्रम्भस् तु न गन्तव्यो बल्लवानाम् इति स्मरे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
धृतराष्ट्र | धृतराष्ट्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
मृगया | मृगया | pos=n,g=f,c=1,n=s |
शोभना | शोभन | pos=a,g=f,c=1,n=s |
तात | तात | pos=n,g=m,c=8,n=s |
गवाम् | गो | pos=n,g=,c=6,n=p |
च | च | pos=i |
समवेक्षणम् | समवेक्षण | pos=n,g=n,c=1,n=s |
विश्रम्भस् | विश्रम्भ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
न | न | pos=i |
गन्तव्यो | गम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya |
बल्लवानाम् | बल्लव | pos=n,g=m,c=6,n=p |
इति | इति | pos=i |
स्मरे | स्मृ | pos=v,p=1,n=s,l=lat |