महाभारतम् — 3.218.23
Original
Segmented
मार्कण्डेय उवाच सो ऽभिषिक्तो मघवता सर्वैः देव-गणैः सह अतीव शुशुभे तत्र पूज्यमानो महा-ऋषिभिः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मार्कण्डेय | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽभिषिक्तो | अभिषिच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
मघवता | मघवन् | pos=n,g=,c=3,n=s |
सर्वैः | सर्व | pos=n,g=m,c=3,n=p |
देव | देव | pos=n,comp=y |
गणैः | गण | pos=n,g=m,c=3,n=p |
सह | सह | pos=i |
अतीव | अतीव | pos=i |
शुशुभे | शुभ् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तत्र | तत्र | pos=i |
पूज्यमानो | पूजय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
ऋषिभिः | ऋषि | pos=n,g=m,c=3,n=p |