महाभारतम् — 3.214.4
Original
Segmented
अग्निः उवाच कथम् माम् त्वम् विजानीषे काम-आर्तम् इतराः कथम् यास् त्वया कीर्तिताः सर्वाः सप्तर्षीणाम् प्रियाः स्त्रियः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अग्निः | अग्नि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
कथम् | कथम् | pos=i |
माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
विजानीषे | विज्ञा | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
काम | काम | pos=n,comp=y |
आर्तम् | आर्त | pos=a,g=m,c=2,n=s |
इतराः | इतर | pos=n,g=f,c=1,n=p |
कथम् | कथम् | pos=i |
यास् | यद् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
कीर्तिताः | कीर्तय् | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |
सर्वाः | सर्व | pos=n,g=f,c=1,n=p |
सप्तर्षीणाम् | सप्तर्षि | pos=n,g=m,c=6,n=p |
प्रियाः | प्रिय | pos=a,g=f,c=1,n=p |
स्त्रियः | स्त्री | pos=n,g=f,c=1,n=p |