महाभारतम् — 3.204.18
Original
Segmented
त्रयस्त्रिंशद् यथा देवाः सर्वे शक्र-पुरोगमाः संपूज्याः सर्व-लोकस्य तथा वृद्धौ इमौ मम
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
त्रयस्त्रिंशद् | त्रयस्त्रिंशत् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
यथा | यथा | pos=i |
देवाः | देव | pos=n,g=m,c=1,n=p |
सर्वे | सर्व | pos=n,g=m,c=1,n=p |
शक्र | शक्र | pos=n,comp=y |
पुरोगमाः | पुरोगम | pos=a,g=m,c=1,n=p |
संपूज्याः | सम्पूजय् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=krtya |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
लोकस्य | लोक | pos=n,g=m,c=6,n=s |
तथा | तथा | pos=i |
वृद्धौ | वृद्ध | pos=a,g=m,c=1,n=d |
इमौ | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=d |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |