महाभारतम् — 3.203.40
Original
Segmented
नित्यम् क्रोधात् तपो रक्षेत् श्रियम् रक्षेत मत्सरात् विद्याम् मान-अपमानाभ्याम् आत्मानम् तु प्रमादतः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
क्रोधात् | क्रोध | pos=n,g=m,c=5,n=s |
तपो | तपस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
रक्षेत् | रक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
श्रियम् | श्री | pos=n,g=f,c=2,n=s |
रक्षेत | रक्ष् | pos=v,p=2,n=p,l=vidhilin |
मत्सरात् | मत्सर | pos=n,g=m,c=5,n=s |
विद्याम् | विद्या | pos=n,g=f,c=2,n=s |
मान | मान | pos=n,comp=y |
अपमानाभ्याम् | अपमान | pos=n,g=m,c=5,n=d |
आत्मानम् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तु | तु | pos=i |
प्रमादतः | प्रमाद | pos=n,g=m,c=5,n=s |