Original

मार्कण्डेय उवाच ।एवं तु सूक्ष्मे कथिते धर्मव्याधेन भारत ।ब्राह्मणः स पुनः सूक्ष्मं पप्रच्छ सुसमाहितः ॥ १ ॥

Segmented

मार्कण्डेय उवाच एवम् तु सूक्ष्मे कथिते धर्मव्याधेन भारत ब्राह्मणः स पुनः सूक्ष्मम् पप्रच्छ सु समाहितः

Analysis

Word Lemma Parse
मार्कण्डेय मार्कण्डेय pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
एवम् एवम् pos=i
तु तु pos=i
सूक्ष्मे सूक्ष्म pos=a,g=n,c=7,n=s
कथिते कथय् pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part
धर्मव्याधेन धर्मव्याध pos=n,g=m,c=3,n=s
भारत भारत pos=n,g=m,c=8,n=s
ब्राह्मणः ब्राह्मण pos=n,g=m,c=1,n=s
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
पुनः पुनर् pos=i
सूक्ष्मम् सूक्ष्म pos=a,g=n,c=2,n=s
पप्रच्छ प्रच्छ् pos=v,p=3,n=s,l=lit
सु सु pos=i
समाहितः समाहित pos=a,g=m,c=1,n=s