महाभारतम् — 3.200.44
Original
Segmented
प्राज्ञो धर्मेण रमते धर्मम् च एव उपजीवति तस्य धर्माद् अवाप्तेषु धनेषु द्विजसत्तम तस्य एव सिञ्चते मूलम् गुणान् पश्यति यत्र वै
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्राज्ञो | प्राज्ञ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
धर्मेण | धर्म | pos=n,g=m,c=3,n=s |
रमते | रम् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
धर्मम् | धर्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
उपजीवति | उपजीव् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
धर्माद् | धर्म | pos=n,g=m,c=5,n=s |
अवाप्तेषु | अवाप् | pos=va,g=n,c=7,n=p,f=part |
धनेषु | धन | pos=n,g=n,c=7,n=p |
द्विजसत्तम | द्विजसत्तम | pos=n,g=m,c=8,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
एव | एव | pos=i |
सिञ्चते | सिच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
मूलम् | मूल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
गुणान् | गुण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
पश्यति | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यत्र | यत्र | pos=i |
वै | वै | pos=i |