महाभारतम् — 3.184.19
Original
Segmented
सरस्वती उवाच श्रेष्ठानि यानि द्विपदाम् वरिष्ठ यज्ञेषु विद्वन्न् उपपादयन्ति तैः एव अहम् सम्प्रवृद्धा भवामि आप्यायिता रूपवती च विप्र
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सरस्वती | सरस्वती | pos=n,g=f,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
श्रेष्ठानि | श्रेष्ठ | pos=a,g=n,c=1,n=p |
यानि | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=p |
द्विपदाम् | द्विपद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
वरिष्ठ | वरिष्ठ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
यज्ञेषु | यज्ञ | pos=n,g=m,c=7,n=p |
विद्वन्न् | विद्वस् | pos=a,g=m,c=8,n=s |
उपपादयन्ति | उपपादय् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
तैः | तद् | pos=n,g=n,c=3,n=p |
एव | एव | pos=i |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
सम्प्रवृद्धा | सम्प्रवृध् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
भवामि | भू | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
आप्यायिता | आप्यायय् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
रूपवती | रूपवत् | pos=a,g=f,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
विप्र | विप्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |