महाभारतम् — 3.158.12
Original
Segmented
अर्थ-धर्मौ अनादृत्य यः पापे कुरुते मनः कर्मणाम् पार्थ पापानाम् स फलम् विन्दते ध्रुवम् पुनः एवम् न कर्तव्यम् मम चेद् इच्छसि प्रियम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
धर्मौ | धर्म | pos=n,g=m,c=2,n=d |
अनादृत्य | अनादृत्य | pos=i |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पापे | पाप | pos=n,g=n,c=7,n=s |
कुरुते | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
मनः | मनस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कर्मणाम् | कर्मन् | pos=n,g=n,c=6,n=p |
पार्थ | पार्थ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
पापानाम् | पाप | pos=a,g=n,c=6,n=p |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
फलम् | फल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
विन्दते | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
ध्रुवम् | ध्रुवम् | pos=i |
पुनः | पुनर् | pos=i |
एवम् | एवम् | pos=i |
न | न | pos=i |
कर्तव्यम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
चेद् | चेद् | pos=i |
इच्छसि | इष् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
प्रियम् | प्रिय | pos=a,g=n,c=2,n=s |