महाभारतम् — 3.140.14
Original
Segmented
इन्द्रस्य जाम्बूनदपर्वत-अग्रे शृणोमि घोषम् तव देवि गङ्गे भवस्व शर्म प्रविविक्षतो ऽस्य शैलान् इमान् शैलसुते नृपस्य
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| इन्द्रस्य | इन्द्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| जाम्बूनदपर्वत | जाम्बूनदपर्वत | pos=n,comp=y |
| अग्रे | अग्र | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| शृणोमि | श्रु | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| घोषम् | घोष | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| देवि | देवी | pos=n,g=f,c=8,n=s |
| गङ्गे | गङ्गा | pos=n,g=f,c=8,n=s |
| भवस्व | भू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| शर्म | शर्मन् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| प्रविविक्षतो | प्रविविक्ष् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| ऽस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| शैलान् | शैल | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| इमान् | इदम् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| शैलसुते | शैलसुता | pos=n,g=f,c=8,n=s |
| नृपस्य | नृप | pos=n,g=m,c=6,n=s |