Original

सोऽहमेत्य कुरुश्रेष्ठ द्वारकां पाण्डुनन्दन ।अश्रौषं त्वां व्यसनिनं युयुधानाद्यथातथम् ॥ १५ ॥

Segmented

सो ऽहम् एत्य कुरु-श्रेष्ठ द्वारकाम् पाण्डु-नन्दन अश्रौषम् त्वाम् व्यसनिनम् युयुधानाद् यथातथम्

Analysis

Word Lemma Parse
सो तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
एत्य pos=vi
कुरु कुरु pos=n,comp=y
श्रेष्ठ श्रेष्ठ pos=a,g=m,c=8,n=s
द्वारकाम् द्वारका pos=n,g=f,c=2,n=s
पाण्डु पाण्डु pos=n,comp=y
नन्दन नन्दन pos=n,g=m,c=8,n=s
अश्रौषम् श्रु pos=v,p=1,n=s,l=lun
त्वाम् त्वद् pos=n,g=,c=2,n=s
व्यसनिनम् व्यसनिन् pos=a,g=m,c=2,n=s
युयुधानाद् युयुधान pos=n,g=m,c=5,n=s
यथातथम् यथातथ pos=a,g=n,c=2,n=s