Original

भरद्वाज उवाच ।दर्पस्ते भविता तात वराँल्लब्ध्वा यथेप्सितान् ।स दर्पपूर्णः कृपणः क्षिप्रमेव विनश्यसि ॥ २ ॥

Segmented

भरद्वाज उवाच स दर्प-पूर्णः कृपणः क्षिप्रम् एव विनश्यसि

Analysis

Word Lemma Parse
भरद्वाज भरद्वाज pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
दर्प दर्प pos=n,comp=y
पूर्णः पूर्ण pos=a,g=m,c=1,n=s
कृपणः कृपण pos=a,g=m,c=1,n=s
क्षिप्रम् क्षिप्रम् pos=i
एव एव pos=i
विनश्यसि विनश् pos=v,p=2,n=s,l=lat