महाभारतम् — 3.132.2
Original
Segmented
साक्षाद् अत्र श्वेतकेतुः ददर्श सरस्वतीम् मानुष-देह-रूपाम् वेत्स्यामि वाणीम् इति सम्प्रवृत्ताम् सरस्वतीम् श्वेतकेतुः बभाषे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
साक्षाद् | साक्षात् | pos=i |
अत्र | अत्र | pos=i |
श्वेतकेतुः | श्वेतकेतु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ददर्श | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
सरस्वतीम् | सरस्वती | pos=n,g=f,c=2,n=s |
मानुष | मानुष | pos=a,comp=y |
देह | देह | pos=n,comp=y |
रूपाम् | रूप | pos=n,g=f,c=2,n=s |
वेत्स्यामि | विद् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
वाणीम् | वाणी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
इति | इति | pos=i |
सम्प्रवृत्ताम् | सम्प्रवृत् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
सरस्वतीम् | सरस्वती | pos=n,g=f,c=2,n=s |
श्वेतकेतुः | श्वेतकेतु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
बभाषे | भाष् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |