महाभारतम् — 3.120.2
Original
Segmented
ये नाथवन्तो हि भवन्ति लोके ते न आत्मना कर्म समारभन्ते तेषाम् तु कार्येषु भवन्ति नाथाः शैब्य-आदयः राम यथा ययातेः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
नाथवन्तो | नाथवत् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
हि | हि | pos=i |
भवन्ति | भू | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
न | न | pos=i |
आत्मना | आत्मन् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
कर्म | कर्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
समारभन्ते | समारभ् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
तु | तु | pos=i |
कार्येषु | कार्य | pos=n,g=n,c=7,n=p |
भवन्ति | भू | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
नाथाः | नाथ | pos=n,g=m,c=1,n=p |
शैब्य | शैब्य | pos=n,comp=y |
आदयः | आदि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
राम | राम | pos=n,g=m,c=8,n=s |
यथा | यथा | pos=i |
ययातेः | ययाति | pos=n,g=m,c=6,n=s |