महाभारतम् — 3.113.16
Original
Segmented
स वै श्रान्तः क्षुधितः काश्यपस् तान् घोषान् समासादितवान् समृद्धान् गोपैः च तैः विधिवत् पूज्यमानो राजा इव ताम् रात्रिम् उवास तत्र
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वै | वै | pos=i |
श्रान्तः | श्रम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
क्षुधितः | क्षुध् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
काश्यपस् | काश्यप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
घोषान् | घोष | pos=n,g=m,c=2,n=p |
समासादितवान् | समासादय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
समृद्धान् | समृध् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
गोपैः | गोप | pos=n,g=m,c=3,n=p |
च | च | pos=i |
तैः | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
विधिवत् | विधिवत् | pos=i |
पूज्यमानो | पूजय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
रात्रिम् | रात्रि | pos=n,g=f,c=2,n=s |
उवास | वस् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तत्र | तत्र | pos=i |