महाभारतम् — 3.105.14
Original
Segmented
आगम्य पितरम् च ऊचुः ततस् प्राञ्जलयो ऽग्रतः स समुद्र-वन-द्वीपा स नदीनद-कन्दरा स पर्वत-वन-उद्देशा निखिलेन मही नृप
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
आगम्य | आगम् | pos=vi |
पितरम् | पितृ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
ऊचुः | वच् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
ततस् | ततस् | pos=i |
प्राञ्जलयो | प्राञ्जलि | pos=a,g=m,c=1,n=p |
ऽग्रतः | अग्रतस् | pos=i |
स | स | pos=i |
समुद्र | समुद्र | pos=n,comp=y |
वन | वन | pos=n,comp=y |
द्वीपा | द्वीप | pos=n,g=f,c=1,n=s |
स | स | pos=i |
नदीनद | नदीनद | pos=n,comp=y |
कन्दरा | कन्दर | pos=n,g=f,c=1,n=s |
स | स | pos=i |
पर्वत | पर्वत | pos=n,comp=y |
वन | वन | pos=n,comp=y |
उद्देशा | उद्देश | pos=n,g=f,c=1,n=s |
निखिलेन | निखिल | pos=a,g=n,c=3,n=s |
मही | मही | pos=n,g=f,c=1,n=s |
नृप | नृप | pos=n,g=m,c=8,n=s |