महाभारतम् — 3.1.31
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच धन्या वयम् यद् अस्माकम् स्नेह-कारुण्य-यन्त्रिताः असतो ऽपि गुणान् आहुः ब्राह्मण-प्रमुखाः प्रजाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
धन्या | धन्य | pos=a,g=m,c=1,n=p |
वयम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=p |
यद् | यत् | pos=i |
अस्माकम् | मद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
स्नेह | स्नेह | pos=n,comp=y |
कारुण्य | कारुण्य | pos=n,comp=y |
यन्त्रिताः | यन्त्रय् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
असतो | असत् | pos=a,g=m,c=2,n=p |
ऽपि | अपि | pos=i |
गुणान् | गुण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
आहुः | अह् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
ब्राह्मण | ब्राह्मण | pos=n,comp=y |
प्रमुखाः | प्रमुख | pos=a,g=f,c=1,n=p |
प्रजाः | प्रजा | pos=n,g=f,c=1,n=p |