महाभारतम् — 3.1.20
Original
Segmented
भक्त-अनुरक्ताः सुहृदः सदा प्रिय-हिते रतान् कु राज-धिष्ठिते राज्ये न विनश्येम सर्वशः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भक्त | भक्त | pos=n,comp=y |
अनुरक्ताः | अनुरञ्ज् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
सुहृदः | सुहृद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
सदा | सदा | pos=i |
प्रिय | प्रिय | pos=a,comp=y |
हिते | हित | pos=a,g=n,c=7,n=s |
रतान् | रम् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
कु | कु | pos=i |
राज | राजन् | pos=n,comp=y |
धिष्ठिते | अधिष्ठा | pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part |
राज्ये | राज्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
न | न | pos=i |
विनश्येम | विनश् | pos=v,p=1,n=p,l=vidhilin |
सर्वशः | सर्वशस् | pos=i |