महाभारतम् — 2.70.7
Original
Segmented
भाविनि अर्थे हि सत्-स्त्रीणाम् वैक्लव्यम् न उपजायते गुरु-धर्म-अभिगुप्ता च श्रेयः क्षिप्रम् अवाप्स्यसि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भाविनि | भाविन् | pos=a,g=m,c=7,n=s |
अर्थे | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
हि | हि | pos=i |
सत् | सत् | pos=a,comp=y |
स्त्रीणाम् | स्त्री | pos=n,g=f,c=6,n=p |
वैक्लव्यम् | वैक्लव्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
उपजायते | उपजन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
गुरु | गुरु | pos=n,comp=y |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
अभिगुप्ता | अभिगुप् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
च | च | pos=i |
श्रेयः | श्रेयस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
क्षिप्रम् | क्षिप्रम् | pos=i |
अवाप्स्यसि | अवाप् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |