महाभारतम् — 16.4.44
Original
Segmented
गदम् वीक्ष्य शयानम् च भृशम् कोप-समन्वितः स निःशेषम् तदा चक्रे शार्ङ्ग-चक्र-गदा-धरः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| गदम् | गद | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| वीक्ष्य | वीक्ष् | pos=vi |
| शयानम् | शी | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| च | च | pos=i |
| भृशम् | भृशम् | pos=i |
| कोप | कोप | pos=n,comp=y |
| समन्वितः | समन्वित | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| निःशेषम् | निःशेष | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |
| चक्रे | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| शार्ङ्ग | शार्ङ्ग | pos=n,comp=y |
| चक्र | चक्र | pos=n,comp=y |
| गदा | गदा | pos=n,comp=y |
| धरः | धर | pos=a,g=m,c=1,n=s |