महाभारतम् — 16.4.39
Original
Segmented
आविध्य आविध्य ते राजन् प्रक्षिपन्ति स्म यत् तृणम् तद् वज्र-भूतम् मुसलम् व्यदृश्यत तदा दृढम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| आविध्य | आव्यध् | pos=vi |
| आविध्य | आव्यध् | pos=vi |
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| राजन् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| प्रक्षिपन्ति | प्रक्षिप् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| स्म | स्म | pos=i |
| यत् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| तृणम् | तृण | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| वज्र | वज्र | pos=n,comp=y |
| भूतम् | भू | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| मुसलम् | मुसल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| व्यदृश्यत | विदृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| तदा | तदा | pos=i |
| दृढम् | दृढ | pos=a,g=n,c=1,n=s |