महाभारतम् — 15.7.6
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच एवम् उक्तवान् तु कौन्तेयः पित्रा ज्येष्ठेन भारत पस्पर्श सर्व-गात्रेषु सौहार्दात् तम् शनैस् तदा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| उक्तवान् | वच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| तु | तु | pos=i |
| कौन्तेयः | कौन्तेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| पित्रा | पितृ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| ज्येष्ठेन | ज्येष्ठ | pos=a,g=m,c=3,n=s |
| भारत | भारत | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| पस्पर्श | स्पृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
| गात्रेषु | गात्र | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| सौहार्दात् | सौहार्द | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| शनैस् | शनैस् | pos=i |
| तदा | तदा | pos=i |